कोरबा कांग्रेस कार्यालय में मनाया गया शिक्षक दिवस, डॉ. राधाकृष्णन को किया याद

05 Sep 2025 कोरबा: देश के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ.राधाकृष्णन का स्मरण शिक्षक दिवस के रूप में जिला कांग्रेस कमेटी कोरबा शहर द्वारा टी0पी0 नगर स्थित कांग्रेस कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर डॉ. राधाकृष्णन के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके योगदान को भारत के लिये अविस्मरणीय निरूपित किया गया। शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि डॉ राधाकृष्णन ने अकादमिक शिक्षा ग्रहण करने के साथ सामाजिक जीवन के कई वर्ष एक शिक्षक के तौर पर बिताये और असंख्य छात्रों को विद्या दान दिया। उन्होंने इस दौरान आदर्श शिक्षक के रूप में उदाहरण प्रस्तुत किया। इसके अलावा डॉ. राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति के पद पर कार्य करते हुए देश को बेहतर नेतृत्व प्रदान किया। पूर्व सभापति श्याम सुंदर सोनी ने डॉ. राधाकृष्णन के बहुआयामी व्यक्तित्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सर्वपल्ली जी के योगदान को सरकार ने पूरी गंभीरता से लेते हुए उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाना स्वीकार किया। यह परंपरा अब भी भारतवर्ष में जारी है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष नत्थूलाल यादव ने कहा कि हमारे देश में शिक्षकों का दर्जा सबसे ऊंचा है। गुरु-शिष्य की महान परंपरा का दर्शन कराने का माध्यम शिक्षक दिवस बना हुआ है। शिक्षक पहले भी छात्रों के लिये सम्मानित थे और आज भी उनके प्रति सभी लोगों के मन में यही भावना कायम है। नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने कहा कि गुरूकुल की परंपरा आज विद्यालयों के तौर पर बनी हुई है। गुरूजनों का महत्व यथावत बने हुए हैं। व्यक्ति की सफलता की पीछे सबसे बड़ी भूमिका गुरूजनों की होती है जो उन्हें विभिन्न तरीकों से मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और लक्ष्य तक पहुँचाने में सहायता करते हैं इसलिए गुरू के ऋण से कभी भी मुक्त नहीं हुआ जा सकता। कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष नारायण कुर्रे, ने शिक्षक दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. राधाकृष्णन, गौतम बुद्ध की तरह हृदय में अपार करुणा रखते थे। इस मौके पर ब्लॉक अध्यक्ष संतोष राठौर, युवा कांग्रेस अध्यक्ष राकेश पंकज, डॉ.रामगोपाल यादव, मनक राम साहू, शशि अग्रवाल, सुनीता तिग्गा, संतोष यादव, रवि खुंटे, गणेश दास महंत, जवाहर निर्मलकर, अजीत बर्मन, अनिल सिंह, विक्रम दास, गोपाल यादव, सुशील नेताम आदि ने डॉ. राधाकृष्णन की जीवनी पर प्रकाश डाला।

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