ढाई साल पुराने दुष्कर्म-हत्या मामले में फैसला, दोषी सहबान उम्रभर रहेगा जेल में

12 Sep 2025 कोरबा: करीब ढाई साल पुराने बहुचर्चित दुष्कर्म और हत्या मामले में विशेष न्यायालय ने आरोपी सहबान खान (30 वर्ष) को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

घटना कैसे हुई थी

कोरबा शहर में रहने वाली युवती के साथ यह दर्दनाक वारदात हुई थी। जिस दिन यह घटना घटी, उस दिन पीड़िता घर में अकेली थी। सुबह पिता नौकरी पर और मां स्कूल की ड्यूटी पर चली गई थीं। दोपहर करीब 12.30 बजे जब भाई ने फोनकर माता-पिता को घर बुलाया, तो वे पहुंचे और देखा कि बेटी खून से लथपथ फर्श पर पड़ी है। उसके चेहरे, गर्दन और हाथों के अलावा शरीर के कई हिस्सों पर धारदार औजार से वार के निशान थे।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का खुलासा

रिपोर्ट में सामने आया कि युवती पर कुल 51 बार हमला किया गया था। इनमें से 23 वार सीधे उसके सीने पर किए गए थे। हमले में पेचकस जैसे नुकीले औजार का इस्तेमाल हुआ था।

आरोपी तक कैसे पहुँची पुलिस

जांच के दौरान पुलिस को युवती के कमरे से एक शर्ट मिली, जिसमें हवाई जहाज और बस का टिकट था। उस टिकट पर यात्री का नाम सहबान दर्ज था। पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर जशपुर जिले के बगीचा निवासी सहबान खान को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल किया। पुलिस ने यह भी पाया कि वह रायपुर तक हवाई जहाज से और फिर बस से कोरबा आया था, ताकि वारदात को अंजाम दे सके।

वारदात के पीछे की वजह

जांच में खुलासा हुआ कि सहबान और पीड़िता की पहचान तब हुई थी जब लड़की स्कूल की पढ़ाई कर रही थी। बाद में सहबान को शक हुआ कि वह किसी अन्य युवक से बातचीत करती है। इसी नाराजगी में उसने वारदात को अंजाम दिया। आरोपी अलग-अलग नंबर से पीड़िता को फोन कर धमकाता और गाली-गलौच करता था।

अदालत का फैसला

मामले की सुनवाई कोरबा की विशेष न्यायालय (अनुसूचित जाति-जनजाति) में हुई। विशेष लोक अभियोजक रमेश सिंह यादव ने पैरवी की। न्यायाधीश जयदीप शर्मा ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर सहबान खान को दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। वहीं सबूतों के अभाव में एक अन्य आरोपी को बरी कर दिया गया।

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